Best Akelepan Ki Shayari 2025: Tanha Dil Ki Awaz
Akelepan Ki Shayari offers a profound glimpse into the complexities of solitude, capturing the raw emotions that come with being alone. In a world increasingly connected through technology, many still feel isolated, making this poetry relevant for anyone navigating their own feelings of loneliness.
This article will explore the essence of akelepan, showcasing how these poignant verses can resonate with our innermost thoughts and provide solace in times of despair.
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Akelepan Ki Shayari

बर्बाद बस्तियों में तुम किसे ढूंढते हो
उजड़े हुए लोगों के ठिकाने नहीं होते !!
ख़ामोश चेहरे पर लाखों पहरे होते हैं
हंसती हुई आंखों में जख्म बड़े गहरे होते हैं !!
अकेले तो हम पहले भी जी रहे थे
क्यूँ तन्हा से हो गए हैं तेरे जाने के बाद !!
आदत बदल गई है वक्त काटने की
हिम्मत ही नही होती दर्द बांटने की !!
तू उदास मत हुआ कर इन हजारो के बीच
आखिर चाँद भी अकेला रहता है सितारों के बिच !!
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रिश्ते अकेलापन शायरी
अकेलापन वो दर्द का सैलाब है। जहीं आंसू भी बेबस नजर आते हैं
अकेलेपन का एहसास वो आग है जो दिल को अंदर ही अंदर जलाती रहती है
अकेले ही खुश रहना सीखो लोग आदत लगा कर छोड़ देंगे
अकेले रहकर समझ जाओगे किसी का साथ क्या होता है।
अकेले कैसे रहा जाता है कुछ लोग यही सिखाने हमारी जिंदगी में आते हैं।
अकेले हुए तो पता चला कि कबसे हम अकेले ही थे
Akelapan Shayari In Hindi
ख्वाब बोये थे और अकेलापन काटा है इस मोहब्बत में यारों बहुत घाटा है।
अकेले रहना बहुत आसान है और अकेले में खुश रहना उतना ही मुश्किल
जिन्हें पता है अकेलापन क्या होता है वो दूसरों के लिए हमेशा हाजिर होते हैं।
उन रिश्तों का कोई मतलब नहीं होता जिनमें रह के भी अकेलापन लगे
बनावटी रिश्तों से ज्यादा सुकून देता है अकेलापन
बीते लम्हों की यादें मेरे साये की तरह साथ चलती हैं। परइस भीड़ में भी, मेरा दिल अकेला है।
अकेलेपन का दर्द सिर्फ वो समझ सकता है। जिसने कभी अपनों को खोया हो
हर दर्द की वजह रिश्ते नहीं होते कुछ दर्द अकेलेपन के दोस्त होते हैं।
Tanhai Shayari

बस मेरी एक आखरी दुआ कबूल हो जाए
इस टूटे दिल से तेरी यादे दूर हो जाए !!
हजारों महफिलें हैं और लाखों मेले हैं
पर जहाँ तुम नहीं वहाँ हम अकेले हैं !!
किसके साथ चलूं किसकी हो जाऊं
बेहतर है अकेली रहूँ और तनहा हो जाऊं !!
आज इतना अकेला महसूस किया खुद को
जैसे लोग दफना कर चले गए हो !!
Tanha Shayari

एक तुम्हीं थे जिसके दम पे चलती थी साँसें मेरी
लौट आओ कि ज़िंदगी से वफ़ा निभाई नहीं जाती !!
तुम मेरे साथ हो ये सच तो नहीं है लेकिन
मैं अगर झूठ न बोलूँ तो अकेला हो जाऊँ !!
महफिले तो हजारों मिल जाएगी
लेकिन तुमसे न मिला तो मैं अकेला हुं !!
मीठी सी खुशबू में रहते है गुमसुम
अपने अहसास से बाँट लो तन्हाई मेरी !!
तुम्हारे बाद फिर कहां किसी की हसरत होगी
खामखा उम्र भर मोहब्बत से नफरत होगी !!
ख्वाहिशों की पोटली सिर लिए चल रहा हूँ
मैं अकेला ही अपनी मंज़िल की और चल रहा हूँ !!
मेरा हाल देखकर मोहब्बत भी शर्मिंदा है कि
ये शख्स सब कुछ हार गया फिर भी जिन्दा है !!
अजब पहेलियाँ है हाथों की लकीरों में
सफ़र ही सफ़र लिखा हैं हमसफ़र कोई नही !!
Tanhayi Shayari

हम तनहा ही सही पर तुम महफिल की शान बनो
अब किसी के दिल से मत खेलना किसी एक की जान बनो !!
मुझको मेरी तन्हाई से अब शिकायत नहीं है
मैं पत्थर हूँ, मुझे खुद से भी मोहब्बत नहीं है !!
दुनिया की भीड़ में इतने तन्हा हो गए हैं हम
अब तो कमबख्त परछाइयाँ भी साथ नहीं देती !!
एक ये डर के कोई जख्म देख ना ले
एक ये खुवाईश की कोई देखने वाला होता !!
लोट आया हु फिर से अपनी उसी कैद-ए-तन्हाई में
ले गया था कोई अपनी महफिलों का लालच दे के !!
कितना अकेला हो जाता है वो शख्स जिसे
जानते तो बहुत लोग है मगर समझते कोई नही !!
वो मन बना चुके थे हमे छोड़ जाने का
किस्मत तो सिर्फ उनके लिए एक बहाना था !!
Akelapan Tanhai Shayari

कुछ कर गुजरने की चाह में कहाँ कहाँ से गुजरे
अकेले ही नजर आये हम जहाँ जहाँ से गुजरे !!
भटका मैं इस दुनिया में इक साथ की तलाश में
मैं गया जिस भी शहर मैंने खुद को अकेला पाया !!
तन्हाई रही साथ ता-जिंदगी मेरे
शिकवा नहीं कि कोई साथ न रहा !!
किसी को जिस्म मिला किसी को रुसवाई मिली
हम मोहब्बत में सबसे पक्के थे हमें तन्हाई मिली !!
शाम की उदासी में, यादों का मेला है
भीड़ तो बहुत है, पर मन अकेला है !!
कैसे गुजरती है मेरी हर एक शाम तुम्हारे बगैर
अगर तुम देख ते तो कभी तनहा न छोड़ते मुझे !!
कहने लगी है अब तो मेरी तन्हाई भी मुझसे
मुझसे कर लो मोहब्बत मैं तो बेवफा भी नही !!
क्या थी मेरी गलती जो मुझे अकेला छोड़ गयी तू
बिना सोचे मुझे क्यों इतना तनहा छोड़ गयी तू !!
अकेला होकर भी अकेला नहीं हूँ मैं
कुछ यूँ सहारा दिया है तेरी यादो ने मुझे !!
भीड़ में अकेला शायरी

हर रात गुजरती है मेरी तारों के दरमियाँ
मैं चाँद तो नहीं मगर तन्हा जरूर हूँ !!
अकेलेपन से सीखी है मगर बात सच्ची है
दिखावे की नजदीकयों से हकीकत की दूरियाँ अच्छी है !!
जा चुके है सब और वही ख़ामोशी छाई है
पास है हर ओर सन्नाटा तन्हाई मुस्कुराई है !!
कितनी अजीब है इस शहर की तन्हाई भी
हजारो लोग है मगर कोई उस जैसा नहीं है !!
बर्बादियों का हसीन एक मेला हूँ मैं
सबके रहते हुए भी बहुत अकेला हूँ मैं !!
जानता पहले से था मै लेकिन एहसास अब हो रहा है
अकेला तो बहुत समय से हूँ मैं पर महसूस अब हो रहा है !!
न ढूंढ मेरा किरदार दुनिया की भीड़ में
वफादार तो हमेशा तन्हा ही मिलते हैं !!
Akelapan Shayari in English
Akelepan Mein Teri Yaaden Bichha Kar Rota Hoon
Dil Ki Gehraiyon Mein Teri Baaten Chhupa Kar Rota Hoon.
Apno Ne Akela Itna Kar Diya Ki
Ab Akelapan Hee Apna Lagta Hai.
Akela Rota Chhod Gaya Woh Insaan Bhi Mujhe
Jo Kal Tak Kehta Tha Rona Mat Tumhe Meri Kasam.
Is Akelepan Se Ab Tang Aa Gaya Hoon
Isalie Bahut Se Aaeene Khareed Laya Hoon.
Akela Hoon to Kya Hua Dard Ka Saath Hai
Dil Ki Gaharaiyon Mein Basee Ye Aawaz Hai.
Conclusion
Akelepan Ki Shayari is a unique literary genre that highlights the beauty and pain of loneliness through expressive poetry. It allows individuals to articulate their innermost thoughts and emotions, creating a bridge between personal experiences and universal feelings.
The verses often reflect a journey of self-discovery and acceptance, making them relatable to a wide audience.