Best Barish Par Shayari 2025: Emotions Drenched in Poetry

Barish Par Shayari is an everlasting theme in poetry, since it connects the wonders of nature and human feelings. Raindrops sound can arouse nostalgia and passion, and even melancholy, which makes it a perfect frame for expressing honest feelings. 

This article shall touch on some of the Shayari that best sum up what rain is and how it is able to influence our lives.

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Barish Shayari Love

Barish Shayari Love

कागज़ की कश्ती और बारिश का पानी,

बचपन की यादें फिर से ताज़ा हो जाती हैं।

वो बेफ़िक्र लम्हें, वो मासूम अदाएँ,

हर बूंद के साथ वो पल लौट आती हैं।

ये बारिश का मौसम और तुम्हारी याद,

चलो फिर मिलते हैं इसी बहाने से आज।

बारिश में अक्सर लोग छाता खोल लेते हैं,

मगर कुछ लोग ऐसे ही भीगना पसंद करते हैं।

शायद उन्हें भी पता है,

कि कुछ दर्द सिर्फ़ बारिश ही धो सकती है।

मिट्टी की महक और भीगी हुई रात,

काश आज हो जाए तुमसे एक मुलाकात।

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Gulzar Barish Shayari

Gulzar Barish Shayari

देखो, बादल कैसे बरस रहे हैं,

जैसे कोई दिल अपनी कहानी सुना रहा हो।

ये सिर्फ़ पानी नहीं, ये आँसुओं की धारा है,

जो हर ज़ख़्म को धोकर, दिल को साफ़ कर रहा हो।

न जाने क्यों हर बारिश में तेरा ख्याल आता है,

भीगते पलों में तेरा नाम बरस जाता है।

हवाओं में तुझसे मिलने की कसक होती है,

हर बूँद कुछ अधूरा सा कह जाती है।

देखो तो ज़रा, क्या नज़ारा है,

बारिश ने सब कुछ कितना संवारा है।

धुल गए हैं पेड़, धुल गई है धूल,

प्रकृति का ये रूप कितना प्यारा है।

गरजते बादल, बरसती बूँदें, ये कैसा समाँ है,

जैसे आसमाँ भी आज खुशियों से भर गया है।

हर कतरा पानी का एक नई कहानी कह रहा है,

तेरे प्यार में आज मेरा दिल बहक रहा है।

मिट्टी की खुशबू लेकर आई है बूँदें,

बेरंग सी ज़िन्दगी में रंग लाई हैं बूँदें।

बरसात की रातों में तन्हा न समझना,

चुपके से तेरे पास आकर मुस्कुराई हैं बूँदें।

आसमान की बाहों से उतरकर ज़मीन पे आईं,

तेरे ख्यालों को फिर से भिगोने आई हैं बूँदें।

पलकों पे ठहर कर जो गिरने को हैं बेताब,

वो अश्क नहीं, तेरी यादें हैं, जो बन गईं हैं बूँदें।

Barish Shayari 2 Line

Barish Shayari 2 Line

ठंडी हवा के झोंके, बारिश की फुहारें,

कैसे रोकें खुद को, जब यादें पुकारें।

सुना है बारिश में दुआ क़बूल होती है,

अगर हो इजाज़त तो तुम्हें मांग लूँ?

बादलों की हलचल ने कुछ यादें जगा दीं,

तेरी हँसी की गूँज फिर से हवा में सजा दी।

सावन की ये बारिश, प्यार बरसाती है,

हर उदासी को दूर, खुशियाँ ले आती है।

बरसात की बूंदें जब धरती पे बरसती हैं,

सूखी उम्मीदों को फिर से हरा करती हैं।

मुश्किलों के बादल चाहे जितने घने हों,

हौसले की धूप से छँट ही जाते हैं वो।

बरसात की बूंदें जैसे ज़िंदगी के जख्मों पर मरहम लगाती हैं,

भीगते हैं हम, पर अंदर की सूखी प्यास न बुझ पाती है।

भीगी राहों पर चलना सिखा गई बारिश,

ज़िंदगी के हर मोड़ पर रुकना सिखा गई बारिश।

बारिश की बूँदें जैसे सपनों को सजा जाती हैं,

ज़िंदगी के वीराने में उम्मीदें जगा जाती हैं।

बरसती रातों में तेरा ख्याल आया,

हर बूंद ने मुझे फिर से तुझसे मिलाया,

ये बारिश भी जैसे तेरे दर्द को बहा लाया।

कभी जी भर के बरसना,

कभी बूंद बूंद के लिए तरसना,

ये बारिश तेरी आदते मेरे यार जैसी क्यों है

Barish Shayari  

Barish Shayari  

बरिश का यह मौसम कुछ याद दिला देता है,

किसी के साथ होने का एहसास दिला देता है,

बारिश की बूंदें, छूने आईं हवा,

दिल की धड़कन, है बरसात का इंतजार।

छाई हुई रात, है दिल की मुलाकात,

बारिश की राहों में, है प्यार की बरसात।

बरसात की रातों में हैं कहानियों की बहार,

दिल के सवालों का है जवाब, बरसा हैं इन बारिशों में प्यार।

बरस जा ओ बारिश, दिल के अरमान पूरे कर दे,

दुखों की धूल धो दे, सुखों की बौछार कर दे।

जुल्फें जो उनकी खुल गई

लगता है सावन आ गया

अब कौन रोकेगा घटाओ

को घूमने से लगता है

बारिश का मौसम आ गया!

Barish Par Shayari 

Best Barish Par Shayari 

बरसात की बूंदों में छुपा है एक राज,

दिल की धड़कनों को कहता है बरसा हैं ख्वाब।

बारिश जब जब हुआ करती है 

तेरे मेरे रिश्ते को और सुहाना कर देती है 

ए बारिश तू इतना न बरस

की वो आ न सके

और उसके आने के बाद

इतना बरस की वो जा न सके!

बरसात की भीगी रातों में

फिर कोई सुहानी याद आई

कुछ अपना ज़माना याद आया

कुछ उनकी जवानी याद आई।

मिट्टी की खुशबू, हवा में घूम जाती है,

बारिश के महक से, आत्मा झूम जाती है।

बारिश में तुम्हारा साथ चाहता हूँ मैं

तुम्हारे हाथों में अपना हाथ देना चाहता हूँ मैं

रिमझिम बारिश शायरी

गुजारिश करता हूं कि
उससे अकेले में मुलाकात
हो ख्वाहिश ए दिल है
जब भी हो बरसात हो..!

कभी ख़ुशी कभी गम,

कभी विस्की कभी रम,

ये हैं मॉडर्न बारिश की सरगम।

तमाम रात नहाया था शहर बारिश में

वो रंग उतर ही गए जो उतरने वाले थे !!

कभी बेपनाह बरस पडी कभी गुम सी है

यह बारिश भी कुछ कुछ तुम सी है !!

उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहीं

भीगने वालों को कल क्या क्या परेशानी हुई !!

सुनो ये बादल जब भी बरसता है

मन तुझसे ही मिलने को तरसता है !!   

Conclusion

Barish Par Shayari is an emotional piece of work with the essence of rain. The emotional language employed in such shayaris portrays the ability of the rain to trigger recollection, romance and induce a feeling of introspection. 

This theme has been partially held by poets through which they enable their readers to relate to their emotions and experiences about the monsoon

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